ऐसे उदाहरण हैं जिसमें गांव के लोगों ने जल बजट को अपनाया है.
2.
पेय जल, कृषि तथा अन्य उपयोगों एवं वाष्पीकरण हानियों को शामिल करते हुए प्रत्येक जलाशयों हेतु जल बजट तैयार करना।
3.
ग्रामीण सुरक्षा योजनाओं और घरेलू स्तरीय जल बजट तैयार करके परिवार के स्तर पर पेयजल सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केन्द्रित करना।
4.
वर्षा के रूप में जितना जल प्राप्त होता है, उसके आधार पर वर्षा जल संग्रह व जल बजट बनाकर-यानी जल की आवक व खर्च के मध्य सांमजस्य बिठाने का।
5.
सन् 2001 में इस क्षेत्र में ' संम्पूर्ण जल प्रबंधन' के सिद्धांत पर एक व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें वर्षा जल संग्रहण ढांचों और जल बजट के संबंध में जानकारी दी गई।